युवाओ को सोचना होगा

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आज युवाओ का जीवन चिंता का विषय बना हुआ हैं। युवा जोकि किसी भी राष्ट्र का भविष्य होता हैं। जिस राष्ट्र का युवा उत्तम विचारो और कार्यो से अपने जीवन को उचित दिशा व लक्ष्य की तरफ मौड़ देता हैं। शिक्षा और जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित होती है उस राष्ट्र का विकास और उथान निश्चित हैं।
युवाओ को अपने लक्ष्य को लेकर जागरूक और ससक्त होना होगा।
युवा आज नशे और अन्य गलत व अनुपयोगी कार्यो और विषयो और अति भोग में लिपत हैं। आज युवा शायद अपने जीवन को सिर्फ भोग के संसार मे ही लगा देना चाहता हैं।

आज युवा स्कूल हो या कॉलेज सिर्फ लड़कियों और नशे व उल्टे सीधे कार्यो में लगा कर अपना जीवन बर्बाद करने में ही अपना समय दे रहा हैं जोकि शायद उत्तम जीवन निर्माण में बाधक हो सकता हैं।
मेरा मानना है कि युवाओ को अपने युवा काल को शिक्षा और चरित्र निर्माण के साथ साथ उत्तम कार्यो और लक्ष्यों में लगा देना चाहिए।
मेरा युवाओ को सुझाव है कि दैनिक कर्म हो या वार्षिक या भविष्य के लिए अपने जीवन यात्रा का चिंतन करना होगा। जीवन की यात्रा यदि उत्तम विचारो और कर्मो के द्वारा तय नही की गई तो युवाओ का जीवन लक्ष्यविहीन दिशा की तरफ भटक जायेगा।
एक विषय सदैव ध्यान में रखना होगा कि जीवन का आकार और जीवन की दिशा की लगाम सदैव उच्च कर्म के हाथ मे होना ही एक उत्तम जीवन निर्माण की यात्रा को अंजाम देना हैं।

मैं अपने जीवन के अनुभवों और तय यात्रा से प्राप्त अनुभव से युवाओ को इतना कह सकता हूँ कि यदि युवाओ 16 से 25 तक 10 वर्ष के समय को तपस्या के समझ कर यदि जी लेते हैं तो समझो कि जीवन का प्रत्येक सपना और उत्तम जीवन के निर्माण के साथ साथ उत्तम चरित्र और स्वयं,परिवार,समाज और राष्ट्र में अहम योगदान होगा। जीवन मे अपने कर्तव्यो और कर्मो को समझो। जिन पता पिता ने अपना पेट काट कर आपको शिक्षा के लिए सदैव सहयोग और गांव देहात से बड़े बड़े शहरों की कॉलेजो और स्कूलों में भारी फीसों व अन्य खर्चों को भरकर या दे कर भेजा हैं उनके सपने आपके कु कर्मो व गलत चरित्र से कलंकित न हो।

सदैव अपने जीवन के कदम कदम पर मन रूपी घोड़े की लगाम उत्तम रास्तो और उत्तम कर्मो और विचारो की तरफ रखे।
यह लेख युवाओ को समर्पित हैं ताकि मेरी कलम का छोटा सा सहयोग युवाओ को सही दिशा और दशा की तरफ यदि मौड़ सकता हो तो मैं अपने आप को बड़ा भाग्यशाली मानूँगा।